Monday 2 January 2023

ज़रा हलवा चखकर बताना तो

अरे अब तो साग भी बनाना सीख गया हूँ 
अब सोहन हलवा बनाने का भूत सवार है 
कढ़ाइयो की गर्मी, घी की महक, चूल्हे की तपिश भी 
जो दिल बहलाने के लिए बनाता था 
अब तो सिर्फ व्यंजन विधियों में दिल को सुकून है 

तुम पूछोगे अगर के घी कितना लगता है एक दिल को जलाने 
बोल दूंगा औसतन सौ किलो सोहन हलवे जितनी है शायद 
पर तुम्हे तो सिर्फ घी की उपलब्धि दिखेगी इन सब में
कढ़ाई में चलते हाथो का कोई हिसाब न लोगे तुम कभी
दिल जलाने घी के साथ पलटा पकडे हाथ भी चलता है 

चलो अब सोहन हलवा अगर बना भी लिया मैंने आज अगर 
मिठास तो नहीं होगी शक्कर की पूरी बोरी डालकर भी 
चने के आटे को जो भून मेरे कन्धों में दर्द तो ज़रूर होगा  
 घी के छींटे भी मेरे हाथों को जला जायेगी बुलबुलाकर लेकिन 
मिठास तो तुम्हारे इस हलवे को चखकर मुस्कुराने से ही आएगी। 

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