Tuesday 5 January 2021

शायद

होऊँ तो कैसे
मीरा न हो पाऊं
प्रीत न मेरी
प्राण न मेरा
चित न मेरी
मत न मेरी
तू हस 
आके हस, देख हस
पर सुने तो पा जाऊं
तेरी हसी
एक बार
मीरा न हो पाऊं
पर कोशिश कर रहा
आज हूं
काल तू रखेगा
मैं सो जाऊं
सोच तुमको
शायद आये तु
मेरे कान्हा।

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